Tuesday 11 June 2019

बाबा साहेब अम्बेडकर ओर नीला रंग

नवरत्न मंडुसिया ¡¡ बहुजन समाज का नीला रंग शांति का प्रतीक रंग है यह नीला रंग बहुत ही शक्तिशाली रंगों में शुमार है  आप दलितों के संघर्ष को देखें तो तब भी आप दलितों के साथ नीले रंग के झंडे को पाएंगे। हाल ही में जब पूरे देश में दलितों ने एससी एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया था तो उस समय भी रैलियां नीले रंग के झंडों और टोपियों से पटी पड़ी थीं। जब भी दलितों का कोई मार्च या रैली निकलती है, तो उसमें भी नीला रंग लहराता दिखता है। ओर जब बहुजनों में यह रंग दिख जाता है तो उन बहुजनों में ओर ज्यादा क्रांति आ जाती है बाबा साहेब का ही देन है कि भ्रातबमे सभी समुदायों को समानता का अधिकार दिया गया शिक्षा का अधिकार दिया गया बोलने का अधिकार दिया गया बाबा साहेब ने कभी बि वक समाज के बारे में नही सोचा उन्होंने सोचा तो सभी समुदायों के बारे में सोचा आज सबको समानता का अधिकार है 
अंबेडकर की पार्टी का रंग भी नीला था

आपको बता दें कि बीआर अंबेडकर ने अपनी एक पार्टी बनाई थी, जिसका नाम था 'इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी'। ऐसा कहा जाता है कि अपनी पार्टी के झंडे का रंग उन्होंने नीला रखा था। बता दें कि उन्होंने यह रंग महाराष्ट्र के सबसे बड़े दलित वर्ग महार के झंडे से लिया। साल 2017 में अर्थ नाम के जर्नल में 'फैब्रिक रेनेड्रेड आइडेंटिटीः ए स्टडी ऑफ पब्लिक रिप्रेजेंटेशन इन रंजीता अताकाती' में प्रकाशित शोध पत्र भी यही बात कही गई है। तब से अंबेडकर ने इस नीले रंग को दलित चेतना का प्रतीक माना था।

आकाश का रंग भी नीला
आकाश यानी आसमान को विशालात का प्रतीक माना जाता है। यह सभी जानते है आकाश का रंग भी नीला है। यह वह रंग है जो बिना भेदभाव के लोगों को अपनाता है। आसमान के तले खड़ा हर व्यक्ति, हर समुदाय एक बराबर होता है। यह एक मात्र थ्योरी है लेकिन इस वजह से भी नीला रंग बाबा सहब से जुड़ा है। आपको बता दें कि इस तथ्य का कोई पुख्ता आधार नहीं।
बाबा साहब को नीले रंग का सूट बहुत पसंद था
ऐसा कहा जाता है कि बाबा साहब अंबेडकर को नीले रंग का सूट बहुत पसंद था। वो अक्सर नीले रंग का थ्री पीस सूट पहना करते थें। चूंकि अंबेडकर नीले रंग के सूट में होते थे, लिहाजा दलित समाज ने इस रंग को अपनी अस्मिता और प्रतीक के रूप में लिया और इस रंग को अपनाया। यही कारण है कि देशभर में अंबेडकर की जितनी भी मूर्तियां मिलेंगी सब नीले रंग में रंगी हैं।

राजस्थान में प्रसूति सहायता योजना


नवरत्न मंडुसिया || हितलाभ  लड़की का जन्म होने पर 21,000 रू. तथा लड़के का जन्म होने पर 20,000 रू.
पात्रता एवं शर्ते 1. प्रसव से 6 सप्ताह पूर्व हिताधिकारी का पंजीयन आवश्यक।
2. अधिकतम दो प्रसव तक देय।
3. संस्थागत प्रसव होने अर्थात अस्पताल में प्रसूति होने की स्थिति में ही लाभ देय।
4. प्रसव के समय हिताधिकारी की आयु 20 वर्ष से कम नहीं हो।
5. पंजीयन से पूर्व 2 संतान होने की दशा में सहायता देय नहीं। पंजीयन से पूर्व एक सन्तान होने पर पंजीयन के पश्चात एक प्रसव हेतु ही सहायता देय।
आवेदन करने की समय सीमा प्रसव तिथि के 90 दिन में (अस्पताल में प्रसूति होने का प्रमाण पत्र)
आवेदन के साथ लगाये जाने वाले दस्तावेज 1. डिलीवरी डिस्चार्ज टिकट/ममता कार्ड।
2. बच्चे का जन्म प्रमाण-पत्र।
3. हिताधिकारी के पंजीयन पत्र की प्रति।
4. हिताधिकारी पंजीयन परिचय पत्र या कार्ड की प्रति
5. भामशाह परिवार कार्ड या भामाषाह नामांकन की प्रति
6. आधार कार्ड की प्रति
7. बैंक खाता पासबुक के पहले पृष्ठ की प्रति 



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