मंडुसिया रिपार्ट //निवाई दत्तवास पुलिस ने बेसहारा दलित युवती को गोद लेने के बाद उसका विवाह करवाकर एक पुण्य कार्य किया है। पुलिस का यह कार्य प्रदेश की पुलिस एवं आमजन के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत बन गया है। यूं तो पुलिस अनेक कारनामों को लेकर चर्चा में रहता है, लेकिन दत्तवास थाना पुलिस ने जो कार्य किया है। वह सराहनीय ही नहीं बल्कि साधूवाद की पात्र का है। गत 2 अक्टूबर 2017 गांधी जयन्ती पर पुलिस थाने में रंग-रोगन का कार्य करने के लिए 21 वर्षीय ममता पुत्री बाबूलाल महावर भी मजदूरी करने पहुंची। मजदूरी के पैसे नहीं मिलने पर तीन माह बाद वह थाने पर पहुंची तथा थाना प्रभारी दयाराम चौधरी को बताया कि उसे मजदूरी नही मिली है। इस पर चौधरी ने सरपंच से बातचीत की। उसके खाते में तीन-चार दिन बाद पैसे आ गए। उसने अपनी व्यथा थाना प्रभारी चौधरी को बताते हुए कहा कि बचपन से ही उसके सिर से पिता का साया उठ गया। 2016 में लम्बी बीमारी से उसके भाई की मौत हो गई। भाई के इलाज के दौरान उसका परिवार कर्जे में डूब गया। लोगों ने उधार देना बंद कर दिया।
इस पर दत्तवास थाना पुलिस ने ममता को गोद लेकर उसका विवाह अक्षय तृतीया पर धूमधाम से कराने का संकल्प लिया। शादी के लिए टेन्ट व गार्डन की नि:शुल्क व्यवस्था पूर्व सरपंच सावरिया सोनी ने की। करीब दो सौ बारातियों को चाय-नाश्ता देकर अगुवानी पुलिस ने थाने पर की।तोरण की व्यवस्था दुल्हन के घर पर की। विवाह में करीब 7 सौ लोगों ने भाग लेकर ममता को आशीर्वाद दिया। ममता का विवाह एवं पुलिस की इस अनूठी पहल की चर्चा दत्तवास ही नहीं पूरे जिले में फैल गई। ममता की वृद्ध मां सीमा देवी जो हर समय विवाह के लिए चिंतित व दु:खी थी। उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था।ममता के घर पर बजी शहनाई की आवाज लोगों के दिल को छू गई। इस नजारे को देखकर पुलिस स्टाफ ही नही आम लोगों में भी इस पुण्य के महाकुम्भ में सहयोग करने के लिए होड़ सी मच गई। गांव में ऐसे लग रहा था, जैसे ममता बाबूलाल की बेटी नहीं पूरे गांव की बेटी है। उसकी मां सीमा देवी ने भी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसकी बेटी का विवाह इतनी धूमधाम से होगा। इसमें विधायक हीरालाल रैगर, पुलिस अधीक्षक योगेश दाधीच, पुलिस उप अधीक्षक सुनिल कुमार सहित कई अधिकारियों ने आशीर्वाद ही नहीं आर्थिक सहयोग भी किया। ममता का विवाह रामगढ़ पचवारा निवासी नरेश कुमार के साथ हुआ। बस ममता को इस बात का दु:ख है कि वह अनपढ़ है। यह विवाह पुलिस के इतिहास में मानवता के एक नया लेख बन गया।
इस पर दत्तवास थाना पुलिस ने ममता को गोद लेकर उसका विवाह अक्षय तृतीया पर धूमधाम से कराने का संकल्प लिया। शादी के लिए टेन्ट व गार्डन की नि:शुल्क व्यवस्था पूर्व सरपंच सावरिया सोनी ने की। करीब दो सौ बारातियों को चाय-नाश्ता देकर अगुवानी पुलिस ने थाने पर की।तोरण की व्यवस्था दुल्हन के घर पर की। विवाह में करीब 7 सौ लोगों ने भाग लेकर ममता को आशीर्वाद दिया। ममता का विवाह एवं पुलिस की इस अनूठी पहल की चर्चा दत्तवास ही नहीं पूरे जिले में फैल गई। ममता की वृद्ध मां सीमा देवी जो हर समय विवाह के लिए चिंतित व दु:खी थी। उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था।ममता के घर पर बजी शहनाई की आवाज लोगों के दिल को छू गई। इस नजारे को देखकर पुलिस स्टाफ ही नही आम लोगों में भी इस पुण्य के महाकुम्भ में सहयोग करने के लिए होड़ सी मच गई। गांव में ऐसे लग रहा था, जैसे ममता बाबूलाल की बेटी नहीं पूरे गांव की बेटी है। उसकी मां सीमा देवी ने भी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसकी बेटी का विवाह इतनी धूमधाम से होगा। इसमें विधायक हीरालाल रैगर, पुलिस अधीक्षक योगेश दाधीच, पुलिस उप अधीक्षक सुनिल कुमार सहित कई अधिकारियों ने आशीर्वाद ही नहीं आर्थिक सहयोग भी किया। ममता का विवाह रामगढ़ पचवारा निवासी नरेश कुमार के साथ हुआ। बस ममता को इस बात का दु:ख है कि वह अनपढ़ है। यह विवाह पुलिस के इतिहास में मानवता के एक नया लेख बन गया।
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