Wednesday 3 June 2020
Tuesday 2 June 2020
अम्बेडकर संस्थान दांतारामगढ़ ने किया 305 यूनिट रक्तदान
दांतारामगढ़ (नवरत्न मंडुसिया)- डॉ. भीमराम अम्बेडकर सेवा संस्थान (रजि.) राजस्थान के तत्वाधान में रक्तदान का कार्यक्रम आयोजित हुवा, दांतारामगढ़ रक्तदान प्रभारी प्रहलाद बरवड़ व जिला रक्तदान प्रभारी नर्सिंग ऑफिसर मुकेश सिंघल ने बताया कि रक्तदान से बड़ा कोई दान नही है, रक्तदान जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं।अनायास दुर्घटना या बीमारी का शिकार हममें से कोई भी हो सकता है। ब्लड यानी खून एक ऐसी चीज है जिसे बनाया ही नहीं जा सकता। इसकी आपूर्ति का कोई और विकल्प भी नहीं है। यह इंसान के शरीर में स्वयं ही बनता है। कई बार मरीजों के शरीर में खून की मात्रा इतनी कम हो जाती है कि उन्हें किसी और व्यक्ति से ब्लड लेने की आवश्यकता पड़ जाती है। ऐसी ही इमरजेंसी स्थिति में खून की आपूर्ति के लिए लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक करके, अनगिनत जरूरतमंदों की जिंदगी बचाने के उद्देश्य से हर साल 14 जून को पूरे विश्व में 'रक्तदाता दिवस' मनाया जाता है।आज हम सभी शिक्षित व सभ्य समाज के नागरिक है, जो केवल अपनी नहीं बल्कि दूसरों की भलाई के लिए भी सोचते हैं तो क्यों नहीं हम रक्तदान के पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करें और लोगों को जीवनदान दें। तथा कोरोना महामारी के चलते संस्थान ने कोरोना योद्धाओ के सम्मान में रक्तदान का कार्यक्रम रखा गया, ओर इस अवसर में 305 यूनिट रक्तदान किया गया, सभी युवाओं ने बढ़ चढ़कर रक्तदान किया, ओर यह कार्यक्रम नोबल सीनियर स्कूल दांतारामगढ़ में आयोजित किया गया ,इस कार्यकम में संस्थान के अध्यक्ष एडवोकेट जितेंद्र डाणियां, सचिव धर्मेन्द्र विद्यार्थी , भारतीय मेघवाल युवासंघ सीकर जिलाध्यक्ष ईश्वर मंडुसिया, महिला विंग अध्यक्ष साहिबा गोदावरी मीणा, संस्थान के यूथ अध्यक्ष नवदीप सिंह जाटोलिया, संस्थान के नागौर जिलाध्यक्ष बंशी लाल पिपरालिया, भंवर लाल आर्य डोडिया, नाथू लाल वर्मा देवली, देवा राम पिपरालिया,संस्थान के उपाध्यक्ष महिपाल मीणा, डाल चन्द खटीक, सुभाष मोहनपुरिया सुरेरा आदि उपस्थित थे,
Monday 25 May 2020
Thursday 2 April 2020
साईवाड़ (शाहपुरा) में जरूरतमन्दों को खाद्य सामग्री वितरित की - भागीरथ नारनोलिया
रिपोर्ट नवरत्न मंडुसिया-- साईवाड़ (शाहपुरा) में दिनांक 2/4/2020 को कोरोना वायरस (कोविड 19) जैसी महामारी से के चलते ! दिहाड़ी मजदूर गरीब परिवारों को दस किलो आटा एक किलो दाल आधा किलो तेल एक किलो चावल आदि पच्चीस परिवारों को श्री भागीरथ मल नारनोलिया सेवानिवृत्त अतिरिक्त मुख्य ब्लाक शिक्षा अधिकारी शिक्षा संकुल जयपुर ने वितरित किया ! आपको बता दे हाल ही में सेवानिवृत्त हुवे साईवाड़ के भागीरथ मल नारनोलिया ने हमेशा जीवन काल मे गरीबों की सेवा की है तथा अपने कार्यकाल में ईमानदारी पूवर्क काम किया है !
साथ ही श्री लक्ष्मण सुखाडिया पुत्र पूरण मल सुखाडिया ने दो किलो चावल एक किलो दाल आदि वितरित किया श्री मूलचंद मीणा पुलिस हेड कांस्टेबल त्रिवेणी चौकी के सानिध्य में किया गया जिसमें भंवर सिंह शेखावत विक्रम सिंह शेखावत संतोष कुमार कुमावत हजारी लाल नारनोलिया ओमप्रकाश नारनोलिया जालिम सिंह शेखावत रामावतार आसीवाल नाथूलाल महोलिया विक्रम नारनोलिया ने घर घर जाकर वितरित किया
Wednesday 1 April 2020
अम्बेडकर संस्था द्वारा दांतारामगढ़ के अनेक गांव में जरूरतमंद 359 परिवारों को खाद्य सामग्री वितरण की गई:- एडवोकेट डाणीया
रिपार्ट - नवरत्न मंडुसिया !! डॉक्टर भीमराव अंबेडकर सेवा संस्थान रजि. दांतारामगढ़ के अध्यक्ष एडवोकेट जितेन्द्र डाणियाँ ने बताया कोरोना वायरस के चलते भारत लॉकडाउन होने के कारण संस्थान भामाशाहओ के सहयोग से 300 जरूरतमंद परिवारों को खाद्य सामग्री पहुंचाने का बीड़ा उठाया था जो अभी तक प्रथम प्रयास में ही 359 जरूरत मन्द परिवारों तक खाद्य सामग्री पहुंचा दी गई है,
अदिति मंडुसिया ओर आदित्य मंडुसिया द्वारा 11 हजार का चेक सौंपते हुवे !
और सचिव धर्मेन्द्र कुमार विद्यार्थी ने बताया कि संस्थान दूसरे चरण में 1000 से भी ज्यादा परिवारों को खाद्य सामग्री वितरण करेगा। मिशन सहयोगकर्ता एवं भामाशाहओ को प्रेरित सहसचिव ओमप्रकाश बुबाना, ईश्वर चन्द मंडुसिया, प्रो.रामकुमार चेजारा,डालचंद खटीक,सेवदा, मुकेश जाटोलिया, हिरालाल बरवड़, सम्पत खींची,हनुमान प्रसाद, गणपत लाल,नवदीप जाटोलिया, सुभाष मोहनपुरिया,प्रकाश गरवा आदि। डॉ भीमराव अंबेडकर सेवा संस्थान रजिस्टर्ड दातारामगढ़ ने रिकॉर्ड के साथ 359 जरूरतमंद परिवारों को अभी तक खाद्य सामग्री वितरित कर चुका है जिसमें सर्व समाज के भामाशाह ओं का सहयोग रहा है और सर्व समाज को ही खाद्य सामग्री वितरित की गई है आगे भी संस्था अपील करता है सभी भामाशाह से कि आप बढ़-चढ़कर आगे आए और संस्थान में सहयोग करें जिससे संस्थान दूसरे चरण में कम से कम जरूरतमंद 500 परिवारों को खाद्य सामग्री वितरित कर सकें ! जिन भामाशाह ने अभी तक संस्थान में अमूल्य सहयोग दिया है उनका भामाशाह ओं का संस्थान दिल की गहराइयों से बहुत-बहुत धन्यवाद करता है। डॉ भीवराव अम्बेडकर सेवा संस्थान रजि. दांतारामगढ़ के अध्यक्ष एडवोकेट जितेन्द्र डाणियाँ ने बताया की संस्थान के सदस्य नवरत्न मंडुसिया को सुरेरा के उदय लाल जी मंडुसिया के पुत्र आदित्य मंडुसिया एवं पुत्री अदिति मंडुसिया ने 11 हजार का चेक सौंपा
Sunday 29 March 2020
कोरोना वायरस के चलते सुरेरा गाँव मे सकारात्मक पहल
नवरत्न मंडुसिया !! सभी दोस्तों को एक बार फिर सामाजिक समरसता ब्लॉग में सुरेरा गाँव के युवाओं की छोटी सी कहानी सभी दोस्तों को नवरत्न मंडुसिया की ओर से जय हिंद
दोस्तों आज दिनांक 29 मार्च 2020 को करीबन 2 बजे घर के बाहर मन्द मन्द आवाज आ रही थी मेने खिड़की से झांक कर देखा तो सुरेरा गाँव के 2 युवा मेरे घर के बाहर खड़े थे और बाहर आवाज लगा रहे थे कि घरेलू सामान देने के लिए आये है उस समय कई लोग सामान लेने के आ गए थे और समान बांट रहे थे सामान बाटने वाले दोनों युवा मास्क ओर हाथों में गल्फ़स पहने हुवे थे मेरे हिसाब दोनों युवा कोरोना से होने वाले संक्रमण से वाकिब थे इसलिये दोनों युवाओ ने वायरस से बचने के लिए पुख्ता इन्तजाम कर रखे थे इनके पास एक कार थी उसमें खूब सामान भी था जब मैने कुँवर भवानी सिंह शेखावत ओर महेंद्र मीणा पुत्र श्री भंवर लाल जी मीणा से बात की तो उन्होंने बताया कि यह सामान सुरेरा के हर गरीब व्यक्ति को मिलेगा जिसमे आटा, चाय , चीनी ,चावल , तेल ,नमक , मिर्च मसाला आदि रहेंगे मेरे हिसाब से इनका आपातकालीन स्थिति में अच्छा निर्णय है और साथ साथ कोरोना वायरस से बचने के लिए अच्छे अच्छे सुझाव भी दे रहे थे और बोल रहे थे कि सभी लोगो को यदि कोरोना को हराना है तो हमारे पास केवल एक ही ऑप्सन है हमे घरों के अंदर ही रहना है इसके साथ साथ 28 मार्च 2020 को पूरे सुरेरा गाँव मे हाइड्रो परॉक्साइड का भी छिड़काव किया गया उसमे सुरेरा के उपसरपंच कुंवर जयवीर सिंह शेखावत ओर जगदीश मोहनपुरिया (जेपी स्टूडियो) भी साथ थे और दवाई का छिड़काव कर रहे थे हम इनपर भी गर्व करना चाहिए ! दोस्तों भवानी सिंह शेखावत (sciencetist) ने बताया कि कोरोना वायरस को रोकने लिए गए लॉकडाउन के निर्णय के बाद दिहाड़ी मजदूरों की समस्या सबसे ज्यादा बढ़ गई है। रोज कमाकर दो जून की रोटी की व्यवस्था करने वालों को भोजन नसीब नहीं हो पा रहा है। ऐसे में जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जरूरतमंदों की सेवा का बीड़ा उठाएं ताकि ऐसे लोगों को भोजन व आवश्यक सामग्री मुहैय्या कराई जा सके। शेखावत नेे बताया की
डॉक्टरस नर्सेस, पैरा-मेडिकल स्टाफ, के बारे में सोचिए, जो इस महामारी से एक-एक जीवन को बचाने के लिए, दिन रात अस्पताल में काम कर रहे हैं। आप उन लोगों के लिए प्रार्थना करिए जो आपकी सोसायटी,आपके मोहल्लों,आपकी सड़कों, सार्वजनिक स्थानों को सेनेटाइज करने के काम में जुटे हैं,जिससे इस वायरस का नामो-निशान न रहे। कोरोना वैश्विक महामारी से बनी स्थितियों के बीच, केंद्र और देशभर की राज्य सरकारें तेजी से काम कर रही है। रोजमर्रा की जिंदगी में लोगों को असुविधा न हो, इसके लिए निरंतर कोशिश कर रही हैं। तथा इस पहल में सहयोगकर्ता प्रहलाद सिंह शेखावत, शोभा राम धायल , गोविंद राम धायल, दीपक जैन, महावीर लुहाड़िया , आकाश लुहाड़िया, आदि थे !
Friday 27 March 2020
जानिये कोरोना वायरस की स्टेज प्रणाली--- मंडुसिया
ब्लॉग !! इंटरनेट पर बहुत सारी जानकारियां खोजने के बाद पता चला कि यह कोरोना वायरस बहुत बड़ी बीमारी ही नही बल्कि विनाशक भी है इसलिए हमें इस भयंकर महामारी से बचना है तो हमे स्वयं को सावधानी बरतनी होगी जानिए नवरत्न मंडुसिया के सामाजिक ब्लॉग से से कोरोना वायरस की स्टेज प्रणाली के बारे में कई कैसे एक स्टेज से दूसरे स्टेज ओर दूसरे से तीसरे स्टेज में प्रवेश करती है ! पूरा देश कोरोना के खौफ के साये में है. कोरोना वायरस दूसरे स्टेज तक पहुंच गया है और तीसरा स्टेज ही पूरे देश को इसकी चपेट में ले सकता है. तीसरा स्टेज वो होता है जब वायरस कम्यूनिटी में फैल जाता है. इन स्टेज को समझना इसलिए जरूरी है क्योंकि इसे जानकर ही हम कोरोना के खिलाफ जंग के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं. कोरोना हमारे देश की बीमारी नहीं. ये वायरस विदेश से ही हमारे देश में आया है. कोरोना वायरस के फैलाव का पहला स्टेज वो होता है, जब ये वायरस सिर्फ विदेश से आए मरीज में होता है. लेकिन मरीज के संपर्क में आने वाले उसके परिवार और रिश्तेदारों में भी जब ये वायरस फैल जाता है तो इसे दूसरा स्टेज माना जाता है. यहां तक तो मुसीबत काबू में मानी जाती है, लेकिन जब वायरस तीसरे स्टेज में पहुंच जाता है तो ये समाज के दूसरे लोगों में भी फैल जाता है. यानी मरीज से मरीज के रिश्तेदारों में और फिर उन रिश्तेदारों से उन अनजान लोगों में जो कभी संक्रमित शख्स के आसपास गुजरे हों. तीसरे स्टेज में हालात बेकाबू होने लगते हैं और यही इटली जैसे देश में भी हुआ. जहां दूसरे स्टेज में कोरोना के मरीज करीब 300 की संख्या में थे, लेकिन तीसरा स्टेज आते ही मरीजों की संख्या हजारों में हो गई.
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