Sunday, 14 October 2018
डॉ सुनील कुमार बोकोलिया एक ऐसी शख्सियत हैं जो सरकारी अधिकारी होते हुए भी समाज सेवा के कार्यों में सदेव संलग्न रहते हैं :- डॉ.विदुषी शर्मा
Sunday, 5 August 2018
अपने तो अपने होते है यही फ़्रेंडशिप डे है :- नवरत्न मंडुसिया
नवरत्न मंडुसिया की कलम से :-अपनो के अलावा कोई नही होता यही दोस्ती है अपने पर प्यार और विश्वास रखे वही सच्ची दोस्ती है हमेशा हर दुःख और सुख में केवल अपने ही काम आते है इसलिए सबसे पहले अपने ही दोस्त होते है ये प्यार व्यार में में विश्वास नही करता में जान जानू में विश्वास नही करता में लवर में विश्वास नही करता दोस्त होता ह तो वही होता हो जो हर दुःख सुख को समझ सके इसलिए अपनो से जुड़ाव रखे अपनो से प्यार करे वही सच्ची मित्रता है ये फ्रेंडशिप डे तभी काम आएगा जब हम एक दूसरे में विश्वास रखेंगे मेरी ये लाइने पसन्द आये तो मुझे कमेंट में आपके लब्ज लिखे लेखक नवरत्न मंडुसिया
Wednesday, 25 July 2018
सूचना का अधिकार 2005 का उपयोग करे
*_RTI_ लगाने का तरीका* नवरत्न मंडुसिया की रिपोर्ट
👉🏿RTI मलतब है सूचना का अधिकार - ये कानून हमारे देश में 2005 में लागू हुआ।जिसका उपयोग करके आप सरकार और
किसी भी विभाग से सूचना मांग सकते है। आमतौर पर लोगो को इतना ही पता होता है।परंतु आज मैं आप को इस के बारे में कुछ और रोचक जानकारी देता हूँ -
👉🏿RTI से आप सरकार से कोई भी सवाल पूछकर सूचना ले सकते है।
👉🏿RTI से आप सरकार के किसी भी दस्तावेज़ की जांच कर सकते है।
👉🏿RTI से आप दस्तावेज़ की प्रमाणित कापी ले सकते है।
👉🏿RTI से आप सरकारी कामकाज में इस्तेमाल सामग्री का नमूना ले सकते है।
👉🏿RTI से आप किसी भी कामकाज का निरीक्षण कर सकते हैं।
👉🏿RTI में कौन- कौन सी धारा हमारे काम की है।
👉🏿धारा 6 (1) - RTI का आवेदन लिखने का धारा है।
👉🏿धारा 6 (3) - अगर आपका आवेदन गलत विभाग में चला गया है। तो वह विभाग
इस को 6 (3) धारा के अंतर्गत सही विभाग मे 5 दिन के अंदर भेज देगा।
👉🏿धारा 7(5) - इस धारा के अनुसार BPL कार्ड वालों को कोई आरटीआई शुल्क नही देना होता।
👉🏿धारा 7 (6) - इस धारा के अनुसार अगर आरटीआई का जवाब 30 दिन में नहीं आता है
तो सूचना निशुल्क में दी जाएगी।
👉🏿धारा 18 - अगर कोई अधिकारी जवाब नही देता तो उसकी शिकायत सूचना अधिकारी को दी जाए।
👉🏿धारा 8 - इस के अनुसार वो सूचना RTI में नहीं दी जाएगी जो देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा हो या विभाग की आंतरिक जांच को प्रभावित करती हो।
👉🏿धारा 19 (1) - अगर आप
की RTI का जवाब 30 दिन में नहीं आता है।तो इस
धारा के अनुसार आप प्रथम अपील अधिकारी को प्रथम अपील कर सकते हो।
👉🏿धारा 19 (3) - अगर आपकी प्रथम अपील का भी जवाब नही आता है तो आप इस धारा की मदद से 90 दिन के अंदर दूसरी
अपील अधिकारी को अपील कर सकते हो।
👉🏿RTIकैसे लिखे?
इसके लिए आप एक सादा पेपर लें और उसमे 1 इंच की कोने से जगह छोड़े और नीचे दिए गए प्रारूप में अपने RTI लिख लें
...................................
सूचना का अधिकार 2005 की धारा 6(1) और 6(3) के अंतर्गत आवेदन।
सेवा में,
अधिकारी का पद / जनसूचना अधिकारी
विभाग का नाम.............
विषय - RTI Act 2005 के अंतर्गत .................. से संबधित सूचनाऐं।
अपने सवाल यहाँ लिखें।
1-..............................
2-...............................
3-..............................
4-..............................
5-..............................
6-.............................
मैं आवेदन फीस के रूप में 10रू का पोस्टलऑर्डर ........ संख्या अलग से जमा कर रहा /रही हूं।
या
मैं बी.पी.एल. कार्डधारी हूं। इसलिए सभी देय शुल्कों से मुक्त हूं। मेरा बी.पी.एल.कार्ड नं..............है।
यदि मांगी गई सूचना आपके विभाग/कार्यालय से सम्बंधित
नहीं हो तो सूचना का अधिकार अधिनियम,2005 की धारा 6 (3) का संज्ञान लेते हुए मेरा आवेदन सम्बंधित लोकसूचना अधिकारी को पांच दिनों के
समयावधि के अन्तर्गत हस्तान्तरित करें। साथ ही अधिनियम के प्रावधानों के तहत
सूचना उपलब्ध् कराते समय प्रथम अपील अधिकारी का नाम व पता अवश्य बतायें।
भवदीय
नाम:....................
पता:.....................
फोन नं:..................
हस्ताक्षर...................
ये सब लिखने के बाद अपने हस्ताक्षर कर दें।
👉🏿अब मित्रो केंद्र से सूचना मांगने के लिए आप 10 रु देते है और एक पेपर की कॉपी मांगने के 2 रु देते है।
👉🏿हर राज्य का RTI शुल्क अगल अलग है जिस का पता आप कर सकते हैं।
👉🏿जनजागृति के लिए जनहित में शेयर करे।
👉🏿RTI का सदउपयोग करें और भ्रष्टाचारियों की सच्चाई /पोल दुनिया के सामने लाईये
नवरत्न मंडुसिया की रिपोर्ट
Saturday, 16 June 2018
राजस्थान सरकार की शुभशक्ति योजना
शुभशक्ति योजना के बारे में मंडुसिया रिपोर्ट | ||
हितलाभ | हिताधिकारियों की वयस्क व अविवाहिता पुत्री को तथा महिला हिताधिकारी को 55,000 रूपये प्रोत्साहन/सहायता राशि देय होगी। प्रोत्साहन राशि का उपयोग महिला हिताधिकारी/पुत्री के विवेक के अनुसार आगे शिक्षा या व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने, स्वयं का व्यवसाय प्रारम्भ करने, कौशल विकास प्रशिक्षण प्राप्त करने आदि में तथा स्वयं के विवाह हेतु उपयोग में लिया जाएगा | |
---|---|---|
पात्रता एवं शर्ते | .1 लड़की के पिता या माता अथवा दोनों, कम से कम एक वर्ष से मण्डल में पंजीकृत हिताधिकारी/निर्माण श्रमिक हों; .2 अधिकतम् दो पुत्रियों अथवा महिला हिताधिकारी को और उसकी एक पुत्री को प्रोत्साहन राशि देय होगी; .3 महिला हिताधिकारी अविवाहिता हो अथवा हिताधिकारी की पुत्री की आयु न्यूनतम् 18 वर्ष पूर्ण हो गई हो तथा वह अविवाहिता हो; .4 हिताधिकारी की पुत्री/महिला हिताधिकारी कम से कम 8वीं कक्षा उत्तीर्ण हो; .5 हिताधिकारी की पुत्री/महिला हिताधिकारी के नाम से बचत बैंक खाता हो; .6 हिताधिकारी का स्वयं का आवास होने की स्थिति में, आवास में शौचालय हो; .7 आवेदन की तिथि से पूर्व के एक वर्ष की अवधि में हिताधिकारी कम से कम 90 दिन निर्माण श्रमिक के रूप में कार्यरत रहा हो; .8 प्रोत्साहन राशि हिताधिकारी के निर्माण श्रमिक होने के भौतिक सत्यापन की शर्त पर ही देय होगी। निर्माण श्रमिक होने का सत्यापन तहसीलदार, विकास अधिकारी, सहायक व उच्च अभियन्ता, सरकारी माध्यमिक विद्यालय का प्रधानाध्यापक अथवा अन्य राजपत्रित अधिकारी द्वारा किया जा सकेगा; .9 प्रोत्साहन राशि का उपयोग महिला हिताधिकारी/पुत्री के विवेक के अनुसार आगे शिक्षा या व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने, स्वयं का व्यवसाय प्रारम्भ करने, कौशल विकास प्रशिक्षण प्राप्त करने आदि में तथा स्वयं के विवाह हेतु उपयोग में लिया जाएगा (स्वयं का व्यवसाय प्रारम्भ करने या कौशल विकास करने या व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए लड़की को उचित परामर्श प्रदान किया जाएगा); .10 योजना का हितलाभ प्राप्त करने के लिए हिताधिकारी द्वारा निर्धारित प्रपत्र में आवेदन, पंजीकृत हिताधिकारी के रूप में एक वर्ष पूरा होने के पश्चात्, प्रस्तुत किया जाएगा। परन्तु यह आवश्यक होगा कि योजना का आवेदन प्रस्तुत करने के समय हिताधिकारी का परिचय-पत्र वैध/एक्टिव हो; | |
आवेदन की समय सीमा | आवेदन पत्र हिताधिकारी द्वारा पंजीयन की तिथि से एक वर्ष की अवधि पूरी होने के पश्चात् तथा अविवाहिता पुत्री की आयु 18 वर्ष पूर्ण होने की तिथि से 6 माह की अवधि में अथवा योजना लागू होने की तिथि से 6 माह की अवधि में, जो भी लागू हो हो, अथवा लड़की की शादी होने से पूर्व प्रस्तुत किया जा सकेगा। | |
आवेदन के साथ लगाये जाने वाले दस्तावेज | .1 हिताधिकारी की पुत्री,के बैंक खाते की पासबुक के प्रथम पृष्ठ (जिसमें हिताधिकारी का नाम, बैंक खाता संख्या व आईएफएससी कोड अंकित हो) की प्रति। .2 हिताधिकारी की पुत्री की आयु 18 वर्ष पूरी होने के प्रमाण पत्र की प्रति। .3 महिला हिताधिकारी अथवा हिताधिकारी की पुत्री के कक्षा 8 उत्तीर्ण करने की अंक तालिका, जो राजकीय अथवा राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय द्वारा जारी की गई हो, की प्रति। .4 हिताधिकारी पंजीयन परिचय पत्र या कार्ड की प्रति .5 भामशाह परिवार कार्ड या भामाषाह नामांकन की प्रति .6 आधार कार्ड की प्रति .7 बैंक खाता पासबुक के पहले पृष्ठ की प्रति |
Friday, 1 June 2018
श्रीमाधोपुर मे हुआ भीम पाठशाला का शुभारंभ
Wednesday, 30 May 2018
विश्व पर्यावरण दिवसः पर लगाएंगे पौधे :- मंगल चन्द रुण्डल
रिपोर्ट :- मंगल चन्द रुण्डल
Saturday, 21 April 2018
शोभा मेघवाल ने बनाया पानी से बिजली बनाने का मॉडल, जिले में रही प्रथम
रानीवाड़ा. प्रदर्शनी में मॉडल प्रदर्शित करती शोभा।
Friday, 20 April 2018
दुल्हन की तरह सजा थाना, पुलिस वाले बने घराती, गोद लेकर पुलिस थाने ने कराई इस बेटी की शादी
इस पर दत्तवास थाना पुलिस ने ममता को गोद लेकर उसका विवाह अक्षय तृतीया पर धूमधाम से कराने का संकल्प लिया। शादी के लिए टेन्ट व गार्डन की नि:शुल्क व्यवस्था पूर्व सरपंच सावरिया सोनी ने की। करीब दो सौ बारातियों को चाय-नाश्ता देकर अगुवानी पुलिस ने थाने पर की।तोरण की व्यवस्था दुल्हन के घर पर की। विवाह में करीब 7 सौ लोगों ने भाग लेकर ममता को आशीर्वाद दिया। ममता का विवाह एवं पुलिस की इस अनूठी पहल की चर्चा दत्तवास ही नहीं पूरे जिले में फैल गई। ममता की वृद्ध मां सीमा देवी जो हर समय विवाह के लिए चिंतित व दु:खी थी। उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था।ममता के घर पर बजी शहनाई की आवाज लोगों के दिल को छू गई। इस नजारे को देखकर पुलिस स्टाफ ही नही आम लोगों में भी इस पुण्य के महाकुम्भ में सहयोग करने के लिए होड़ सी मच गई। गांव में ऐसे लग रहा था, जैसे ममता बाबूलाल की बेटी नहीं पूरे गांव की बेटी है। उसकी मां सीमा देवी ने भी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसकी बेटी का विवाह इतनी धूमधाम से होगा। इसमें विधायक हीरालाल रैगर, पुलिस अधीक्षक योगेश दाधीच, पुलिस उप अधीक्षक सुनिल कुमार सहित कई अधिकारियों ने आशीर्वाद ही नहीं आर्थिक सहयोग भी किया। ममता का विवाह रामगढ़ पचवारा निवासी नरेश कुमार के साथ हुआ। बस ममता को इस बात का दु:ख है कि वह अनपढ़ है। यह विवाह पुलिस के इतिहास में मानवता के एक नया लेख बन गया।
Tuesday, 17 April 2018
क्योकि दलित-शोषित वर्ग को चेतना की मुख्यधारा से जोडकर ही विकसित राष्ट्र का निर्माण सम्भव हैं :- बल्लूराम मावलिया
Thursday, 5 April 2018
सामाजिक समरसता की शुरुवात सबसे पहले अपने घर से करनी चाहिये :- नवरत्न मंडुसिया
Saturday, 17 March 2018
हम किसी धर्म की आलोचना नही कर सकते :- नवरत्न मंडुसिया
यदि कभी किसी धर्म जाति विशेष की मेने कोई आलोचना की है तो वो साबित करे में किसी धर्म को गलत नही ठहरा सकता हु क्यो की सबसे पहले खुद में यही देखना चाहिए कि में कितना सही हु कितना गलत हु क्यो की मुझे किसी धर्म की आलोचना करने का कोई अधिकार नही है जो लोग धर्म के नाम पर राजनीति करते है वो राजनीति केवल राजनीति है | इसलिए हम इन लोगो से दूर रहते हुवे केवल काम से काम रखना चाहिए और छोटे बड़ो को समान करना चाहिए चाहे वह किसी भी धर्म का हो क्यो की हम लोग यदि किसी का समान करेंगे तो वो हमारा समान करेगा और हमे किसी के बहकावे में नही आना चाहिए केवल आपसी प्रेम भाव ही रखना चाहिए ताकि हम लोग प्रेमभाव से राह सके आजकल के जमाने मे सब लोग चर्चो में आने का शोक रखते है और हर कोई नेता बनना चाहता हैबलेकिं वह यह नही सोचता की हमारी एक गलती से किसी का परिवार उजड़ सकता है इसलिए हमें खुद को कठोर तरीके से हमे आने वाली विपरीत परिस्थिति को मात देनी है और हमे आगे बढ़ना है:- नवरत्न मंडुसिया की कलम से
Friday, 16 March 2018
दुनिया की सबसे बड़ी ताकत आपसी प्रेम भाईचारा :- नवरत्न मंडुसिया
भाजपा भगाओ कोंग्रेस भगाओ बसपा भगाओ सपा भगाओ
ओर देश बचाओ सब लोग एक दूसरे की टांग खीचने में लगे रहते है | देश केवल भारत देश के सैनिक ही बचा सकते है जो कि दिन रात फौजी लोग सो नही पाते खा नही पाते है कड़कती सर्दी धूप में 24 घण्टे देश की सेवा करते है उन फौजियों को कोई पूछता तक नही क्यो देश मे अराजकता फैला रहे हो क्यो देश को बदनाम कर रहे हो क्यो देश मे अशांति फैला रहे हो मुझे तो बहुत दुख होता है ! जब भारत देश खुद ही अपने पैर पर खुलाड़ी मारता है दोस्तों में नवरत्न मंडुसिया एक बार फिर आपसे आग्रह करता हु अभी भी हमारे पास समय है सुधर जावो नही तो एक दिन वापिश आयेगा हमारे पड़ोसी मुल्क देश इस भारत देश को गुलाम बना देगा और वापिश साम्राज्य स्थापित कर लेगा और हम लोग वापिश गुलाम बन जाएंगे क्या हाथ आता हमे एक दूसरे में नफरत फैलाने में एक दूसरे को गलत नज़र से देखने मे दोस्तो ये सब हमारे लिए आतंकवाद से भी बढ़कर है इसलिए आपसी प्रेम भाव बनाये आपके ओर मेरे कहने से देश नही बचेगा यदि हम गन्दी राजनीति को छोड़कर कर बात कहेंगे तब अच्छा लगेगा क्यो सारे दिन बकवास करते रहते हो इन चक्रों से केवल देश टूट ही सकता है जुड़ नही सकता रही बात नेताओ की तो ये नेता लोग सब चोर चोर मोसेरे भाई है सब एक है इसलिए आपसी प्रेमभाव रखे ताकि भारत देश टूटने से बच सके सारे दिन अपनी अपनी जातियों के नाम से राजनीतिक रोटियां सेक रहे है लेकिन उनको यह भी पता होना चाहिए कि इन सबसे हम सबको नुकसान है इसलिए अब एक कदम भाईचारे की ओर बढ़ाये ताकि हम सब यहां सम्मान रूप से रह सके ओर भारत देश को प्रबल बना सके कठोर बना सके ओर हम लोगो से पार्टियों के नाम लेकर क्या साबित कर सकते कोई हमे नही लूट सकता यदि हम सही रहे
Saturday, 17 February 2018
पति -पत्नी के बीच ये 5 बातें होना बहुत जरूरी :- नवरत्न मंडुसिया
Friday, 9 February 2018
वीर तेजाजी महाराज का जीवन परिचय
तेजाजी राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात प्रान्तों में लोकदेवता के रूप में पूजे जाते हैं। किसान वर्ग अपनी खेती की खुशहाली के लिये तेजाजी को पूजता है। तेजाजी के वंशज मध्यभारत के खिलचीपुर से आकर मारवाड़ में बसे थे। नागवंश के धवलराव अर्थात धौलाराव के नाम पर धौल्या गौत्र शुरू हुआ। तेजाजी के बुजुर्ग उदयराज ने खड़नाल पर कब्जा कर अपनी राजधानी बनाया। खड़नाल परगने में 24 गांव थे।
तेजाजी ने ग्यारवीं शदी में गायों की डाकुओं से रक्षा करने में अपने प्राण दांव पर लगा दिये थे। वे खड़नाल गाँव के निवासी थे। भादो शुक्ला दशमी को तेजाजी का पूजन होता है। तेजाजी का भारत के जाटों में महत्वपूर्ण स्थान है। तेजाजी सत्यवादी और दिये हुये वचन पर अटल थे। उन्होंने अपने आत्म - बलिदान तथा सदाचारी जीवन से अमरत्व प्राप्त किया था। उन्होंने अपने धार्मिक विचारों से जनसाधारण को सद्मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया और जनसेवा के कारण निष्ठा अर्जित की। जात - पांत की बुराइयों पर रोक लगाई। शुद्रों को मंदिरों में प्रवेश दिलाया। पुरोहितों के आडंबरों का विरोध किया। तेजाजी के मंदिरों में निम्न वर्गों के लोग पुजारी का काम करते हैं। समाज सुधार का इतना पुराना कोई और उदाहरण नहीं है। उन्होंने जनसाधारण के हृदय में सनातन धर्म के प्रति लुप्त विश्वास को पुन: जागृत किया। इस प्रकार तेजाजी ने अपने सद्कार्यों एवं प्रवचनों से जन - साधारण में नवचेतना जागृत की, लोगों की जात - पांत में आस्था कम हो गई। कर्म,शक्ति,भक्ति व् वैराग्य का एक साथ समायोजन दुनियां में सिर्फ वीर तेजाजी के जीवन में ही देखने को मिलता हैं।
Thursday, 8 February 2018
जातिवादी रैलियों से समाज को खतरा :- नवरत्न मंडुसिया
आये दिन हो रही जातीवादी रैलियों का विरोध करता हु दोस्तों आजाद भारत मे आजादी से रहना है दुनिया का सबसे बड़ा प्रेम भाव और आपसी एकता होगी यदि आये दिन हम जातिवादी रैलिया करेंगे तो आने वाले दिनों में हर तरफ नफरत पैदा हो जायेगी और आपसी मतभेदों में फूट पड़ जायेगी। और इसका फायदा केवल पड़ोसी मुल्को को होगी दुनिया मे रहना है तो केवल भाईचारे से ही रहना होगा नही तो हमारे समाज मे इतनी नफरत फेल जाएगी कि कोई भी समाज एक दूसरे समाज पर विश्वास नही करेगा यदि हम लोग ये जातिवादी रैलियों निकाल कर हम आने वाली पीढ़ियों को भी जुर्म के रास्ते पर ला रहे है क्यो की हम अपराध करेंगे तो आनी वाली पीढ़ी भी अपराध करेगी इसलिए अभी भी हर समाज के पास मौका है कि जातिवादी रैलियों को समाप्त कर भाईचारे की ओर बढ़े और समाज का कल्याण कर सके में नवरत्न मंडुसिया जातिवादी रैलियों की घोर निंदा करता हु विरोध करता हु क्यो की मेरे हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है तो वो है केवल भाईचारा इसलिए हमें जातिवादी रैलियों को समाप्त करके आपसी प्रेमभाव को आगे लाये ताकि समाज टूटने की बजाय समाज आगे बढ़ सके में हर समाज के युवाओ को कहना चाहता हु हमे सयम रखते हुवे आपसी प्रेम भाव से रहे हो जातिवादी रैलियों को बहिष्कृत करे मेरा मानना है मेरा सोचना है कि ऐसी रैलियों में दूसरी जातियों के खिलाफ नफरत फैलायी जाती है। जिससे समाज में टूटन पैदा होती है। नवरत्न मंडुसिया का मानना है कि हमे केवल भाईचारे की भांति ही रहना चाहिए और इस हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आदि का नाम भूलकर केवल भाईचारे में ही विश्वास रखना चाहिये ! इसमे कोई दो राय नहीं कि जाति के बिना भारतीय राजनीति और समाज दोनों की ही कल्पना नहीं की जा सकती। चुनावों में जातियों के आधार पर उम्मीदवारों का चयन होता है। चुनाव जीतने के लिये जातीय समीकरण को ध्यान में रखकर रणनीति बनायी जाती है। एक जाति का वोट लेने के लेने के दूसरी जातियों के खिलाफ नफरत का बीज बोया जाता है। राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर पर जाति विशेष के नेताओं को आगे बढ़ाया जाता है। इसलिये मेरा फैसला क्रांतिकारी लग सकता है। खासतौर से आज के परिपेक्ष्य में जब कि भारत में एक नया शहरी मध्यवर्ग खड़ा हो रहा है और देश में आधुनिकीकरण की प्रक्रिया जोर पकड़ रही है। पर लोग ये भूल जाते हैं कि जाति इस देश की सचाई है। इस जातिवाद की वजह से ही कभी बराबरी नहीं रही। भारत आदिकाल से 'गैरबराबरी समाज' रहा है। जहां किसी भी शख्स की समाज में हैसियत उसकी जाति से ही आंकी और तय की जाती रही है। बावजूद उनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार होता है। उनको व्याहारिक जीवन में हेय दृष्टि से ही देखा जाता है। हालांकि अब इसमें कमी आ रही है लेकिन संवैधानिक बराबरी आज भी अधूरी है। शुरुआत में तो पिछड़ी जातियों को सत्ता में भागीदारी के नाम पर उनका सिर्फ शोषण किया गया। उनको सजावट की वस्तु बना दिया गया। आजादी के पहले और बाद में दलितों के लिये बाबा साहेब आंबेडकर ने लड़ाई लड़ी। आंबेडकर ने रिपब्लिकन पार्टी बनायी। पर दलित चेतना में निर्णायक उभार नहीं पैदा कर पाये और हारकर बौद्ध धर्म अपनाना पड़ा। मेरा मानना साफ है कि सामाजिक स्तर पर जातिवाद भले ही किसी अभिशाप से कम न हो लेकिन 'राजनीतिक-जातिवाद' ने समाज में बराबरी लाने का ऐतिहासिक काम किया है। बिना उसके पिछड़ी जातियों को न तो सत्ता में भागीदारी मिलती और न ही सत्ता में आने की वजह से मिलता सामाजिक सम्मान। इसलिये अदालत का फैसला अपनी जगह, सामाजिक सचाई अपनी जगह। इसलिये हमे हमे जातिवादी रैलियों को बहिष्कृत करके एक सभ्य समाज मे नई क्रांति लाना है
नवरत्न मंडुसिया (लेखक )
Tuesday, 23 January 2018
क्योकि सोचना जरूरी है कि हम जा कंहा रहे है:- बल्लू राम मावलिया अभयपुरा
मंडुसिया न्यूज़ ब्लॉग √ ज्ञान कि परिभाषा बदल गई है, लोगों कि सोचने और समझने कि क्षमता मे काफी गिरावट हो रही हैं ।हम सफल हो रहे हैं, अपने विचार और आदर्श को खो कर, अपने आप को बेचकर खूब उन्नति कर रहे हैं । कुछ खो रहे हैं, महसूस भी हो रहा हैं, मगर इतना वक्त नही है थोड़ा ठहर कर सोचने का। एक अंधी दौर जीवन मे चल रहा है, जिसका मकसद और मंजिल कुछ नही हैं। मंजिल है तो सिर्फ धन और दौलत । विवेकशीलता मानव के अन्दर से खो गया है। हम लोग अपना-अपना विवेक खो कर भी विवेकानन्द कि बात करते है जिन्होंने अपने विवेक से दुनिया को आनन्दित किया था।आज हम लोगों की कथनी और करनी मे इतना फर्क हो गया है कि हर बात, हर सोच, हर विकास इत्यादि को पैसे कि तराजू पर तौलते हैं, माना कि मानव का जीवन पैसे के बिना नही चल सकता है, मगर पैसा साधन हो सकता है, साध्य नही हो सकता है। जितने भी सफल व्यक्ति हैं उनके जीवन मे जितनी व्यक्तिगत घुटन और समस्या है उतनी समस्या एक साधारण व्यक्ति के जीवन मे नही है। मैं व्यक्तिगत तौर पर महसूस करता हूँ कि एक आम आदमी दुनिया कि निगाहों मे जो व्यक्ति सफल है उससे अधिक सफल होता है। विकास एक नजरिया हैं, सफलता और असफलता का कोई निश्चित पैमाना नही होता है। असली मे जो अपना परिवार चला सकता हैं, अच्छे और बुरे मे फर्क कर सकता है, अपने से जुड़े लोगों का आदर और सम्मान कर सकता है, ओर करवा सकता है। वही ज्ञानी और सफल मानव है।
Save the family and save the nature
बल्लूराम मावलिया अभयपुरा
सुरेरा में ईद का त्यौहार मनाया गया
सुरेरा में ईद त्यौहार पर युवाओं में उत्साह सुरेरा: ||नवरत्न मंडूसीया की कलम से|| राजस्थान शांति और सौहार्द और प्यार और प्रेम और सामाजिक समरस...
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पूरा नाम लाला लाजपत राय जन्म 28 जनवरी, 1865 जन्म भूमि मोगा ज़िला, पंजाब मृत्यु 17 नवंबर, 1928 मृत्यु स्थान लाहौर पार्टी कांग्रे...
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नवरत्न मन्डुसिया की कलम से //वैसे तो हमारे देश भारत में सदियों से अनेक महान संतो ने जन्म लेकर इस भारतभूमि को धन्य किया है जिसके कारण भारत क...
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सुरेरा में ईद त्यौहार पर युवाओं में उत्साह सुरेरा: ||नवरत्न मंडूसीया की कलम से|| राजस्थान शांति और सौहार्द और प्यार और प्रेम और सामाजिक समरस...